महिला सशक्तिकरण की पोस्ट सोशल मीडिया पर


सोशल मीडिया का ट्रेंड आज के समय में बहुत लोकप्रिय हो चुका है. खासकर, लॉकडाउन के बाद से, एकजुटता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए इंस्टाग्राम पर अनगिनत चैलेंज को पोस्ट किया जा रहा है – चाहे वह खाना बनाने की चैलेंज हो, योगा करने की या किसी और तरह की. इसी तरह महिलाएं महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने और एक दूसरे का साथ देने के लिए अलग-अलग तरीकें का हैशटैग का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर एक दूसरे को टैग करके चैलेंज दे रही हैं. उसी में से #challengeaccepted, #womensupportingwomen, #blackandwhitechallenge और  #sareechallange कुछ इस तरह के  हैश टैग के साथ महिलाएं अपने अन्य साथियों को भी इस ट्रेंड में हिस्सा लेने के लिए नॉमिनेट कर रही हैं. सभी चैलेंज के पीछे का कारण बस लोगों को एकजुट करने का होता है, और #ChallengeAccepted चैलेंज  इन्हीं में से एक है.


पिछले कई दिनों से, आपने इंस्टाग्राम पर एक नया चलन देखा होगा जिसमें महिलाएँ अपनी खुद की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं और दूसरी महिलाओं को ऐसा करने के लिए टैग करती हैं.


इस वायरल चैलेंज में एक  ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर के साथ एक नोट और फिर दोस्तों को महिला सशक्तिकरण और महिला एकजुटता का समर्थन करने के लिए टैग करके इसे शेयर किया जाता है.


इसलिए, यदि आप नामांकित हो जाते हैं, तो आपको कैप्शन “चैलेंज एक्सेप्टेड,” या #ChallengeAccepted, और #WomenSupportingWomenChallenge के साथ एक ब्लैक-एंड-व्हाइट सेल्फी पोस्ट करनी होगी. इस चैलेंज का उद्देश्य दुनिया भर की महिलाओं को एक सुरक्षित और सकारात्मक माहौल देने का है. जिसमें किसी भी देश की महिलाएं दूसरे देशों की महिलाओं का साथ दे रही हैं. साथ ही इसके उद्देश्य के मुताबिक दुनिया भर कि महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करवाने का है.
इस चैलेंज में दुनियाभर की महिलाएं बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रही है. जिसके कारण अब तक इस #WomenSupportingWomen हैशटैग का इस्तेमाल करके 6 मिलियन से ज्यादा लोग पोस्ट कर चुके हैं.


आपको बता दें कि इस चैलेंज में कई बड़ी हस्तियों हिस्सा ले रही हैं, जिनमें अनुष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, सारा अली खान, शिल्पा शेट्ठी औऱ कल्की सहित कई बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी शामिल हैं. इसके साथ ही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस चैलेंज में भाग लिया. प्रियंका ने सोशल मीडिया पर अपनी बेटी और मां के साथ  के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने कैप्शन में लिखा  “कुछ भी नहीं हो सकता है, कुछ भी मजबूत नहीं हो सकता, # womensupportingwomen से ज्यादा मजेदार कुछ भी नहीं. वैश्विक स्तर पर, इस चैलेंज में कई मशहूर कलाकार इसमें भाग ले रही है.


इसकी शुरूआत कैसे हुई?


इसकी शुरूआत कैसे हुई ये बता पाना बेहद मुश्किल है लेकिन अबतक अधिकतर लोगों ने ये बताया की इसकी शुरूआत तुर्की से हुई. फ़ोर्ब्स और हार्पर्स बाज़ार में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ये ट्रेंड तुर्की की महिलाओं ने हाल ही में पॉपुलर किया. वहां पर हर रोज किसी न किसी महिला की हत्या होने की खबर छपती है. और उस महिला की ब्लैक एंड वाइट तस्वीर लोग अपने यहां के अख़बारों, न्यूज पोर्टल्स या सोशल मीडिया पर देखते हैं.


औरतों की इस सिलसिलेवार हत्या में उनके परिवार, जानकार, पति/बॉयफ्रेंड जैसे करीबी लोग अक्सर शामिल होते हैं. इसे ‘फेमिसाइड’ कहा जाता है. तुर्की में 15 से 60 सालतक की महिलाओं में से लगभग 42% महिलाऍ किसी न किसी तरह के सेक्सुअल या फिजिकल वायलेंस का सामना करती हैं. जिसकी वजह से इसकी तरफ ध्यान दिलाने के लिए महिलाओं ने ये ब्लैक एंड वाइट तस्वीरें डालने का ट्रेंड शुरू किया. ये दिखाने के लिए कि ख़बरों में अगली तस्वीर उनकी भी हो सकती है.


दूसरी वजह ये सामने आ रही है कि अमेरिका की पॉलिटिशियन एलेग्जेंड्रा ओकेसियो कोर्टेज़ को दूसरे पॉलिटिशियन टेड योहो ने बदतमीजी भरी बातें कही थीं. इसके खिलाफ कोर्टेज़ ने अपने लिए स्टैंड लिया और पलट कर जवाब दिया. जिसके बाद उनकी ये स्पीच वायरल हुई. उसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सपोर्ट करने के लिए इस चैलेंज में भाग लिया.


मैट्रो यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के साथ #ChallengeAccepted हैशटैग को पोस्ट करने की शुरुआत 2016 में कैंसर जागरूकता बढ़ाने के लिए हुई और तब से सोशल मीडिया पर इस चैलेंज को कई बार अलग-अलग तरीकें से शुरू किया गया.


द न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस चैलेंज से जुड़ी सबसे शुरुआती तस्वीर ब्राजील के पत्रकार एना पाउला पडराव ने पोस्ट की थी. जैसे-जैसे और अधिक महिलाओं ने इस तरह की फोटो पोस्ट करना शुरू किया, ये ट्रेंड सोशल मीडिया पर तेजी से आगे बढ़ने लगा.


वहीं भारत की बात करें तो भारतीय महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं से भी हम अपरिचित नहीं हैं – हाल ही में एक रिपोर्ट कहा गया  भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश है. साथ ही बताया गया कि भारत में हर दिन लगभग 106 महिलाओं का बलात्कार होता है. दहेज हत्या से लेकर वैवाहिक बलात्कार और एसिड हमलों तक ऐसे कई केस रोज अखबारों और मीडिया चैनल की हैडलाइन में होते है.


ये आंदोलन उतने ही प्रासंगिक या अप्रासंगिक हैं जितना हम उन्हें बनाते हैं – #MeToo आंदोलन ने लोगों को महिलाओं के प्रति उनके स्वयं के दृष्टिकोण के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया था, और इसने कंपनियों को उनकी महिला सहकर्मी को जानने के लिए  एक मौका रखा. अगर हम उन्हें मौका दें तो सोशल मीडिया पर होने के कारण ये मूवमेंट, इंटरनेट के दायरे के बाहर अलग प्रभाव डाल सकते हैं.


ऐसे में अगर आपको भी इस तरह के फोटो पोस्ट करके ख़ुशी मिल रही है और इस से लॉकडाउन में थोड़ी भी पॉजिटिविटी का अहसास हो रहा है तो इसे बेशक़ अपने तरीके से करिए और अपने साथियों को भी करने को कहिए.


महिलाओं को ही एक दूसरे के लिए खड़ा होना है और हर चुनौती का ज़वाब देना है. इस बार हमें बस अपनी गैलरी से उन खुशियों को सबके साथ बांटना है जिससे हमें कॉंफिडेंट, ब्यूटीफुलऔर एमपॉवर महसूस होता है. साथ ही याद रखिए कि हम महिलाओं की लड़ाई लम्बी है. और इन्हीं छोटे छोटे कदमों से हम अपनी आवाज़ उठा सकते हैं और एक नये समाज का गठन कर सकते हैं जहाँ लड़के और लड़कियों में भेदभाव नहीं हो.