ममता बनर्जी की जीत अब देश की राजनीति में अहम् भूमिका निभा सकती है ?

 


पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम चौकाने वाले ही साबित हुये है। क्योंकि जिस अंदाज में भाजपा आला कमान पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार के दौरान कहा करते थे। कि 2 मई ममता गई, आज तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि 2 मई भाजपा सिमट गई। राजनीति में साम,दाम दंड भेद सब चलता है। दोनों राजनीति दलों ने अपने –अपने तरीके से चुनाव में जीत के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन चुनाव में प्रयास की चर्चा महत्वपूर्ण होनी है। बल्कि जीत महत्वपूर्ण होती है। कुल मिलाकर तृणमूल कांग्रेस की जीत और ममता बनर्जी की जीत अब देश की राजनीति में अहम् भूमिका निभा सकती है।बताते चलें पश्चिम चुनाव में जिस अंदाज से भाजपा ने चुनाव लड़ा था। धुव्रीकरण की राजनीति पर बल दिया था। लेकिन धुव्रीकरण तो नहीं हो सका। बल्कि जो वोट काटो के नाम पर राजनीति करने आये थे। उनकी भी राजनीतिक दुकानें बंद हो गयी। क्योंकि इस चुनाव में जनता ने साफ जनादेश देकर ,ये मैसेज दिया है। कि जनता सब जानती है।


तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता जयंत दास का कहना कि भाजपा हो हल्ला की राजनीति करती रही। जिन भाजपा नेताओं को स्टार प्रचारकों के तौर पर भेजा था। उनकी खुद की पहचान नहीं थी। वे सब स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भरोसे ही चुनावी रैली में उपस्थित भर हुये है। जिससे ये बात पश्चिम बंगाल की जनता समझ चुकी थी। भाजपा से बेहत्तर तृणमूल कांग्रेस पार्टी ही है। क्योंकि भाजपा के पास ना तो बंगाली नेता मुख्यमंत्री के चेहरा के तौर पर नही था। जबकि ममता बनर्जी जानी पहचानी नेता स्थापित नेता है। तो जनता ने ममता बनर्जी पर ही भरोसा जताया है।