ग्रीन टी के लाभ हैं बहुत


 

ग्रीन टी के बहुत से लाभ हैं, इसलिए चाय पीने के बाद टीबैग्स या फिर चायपत्ती को फेंकें नहीं, चायपत्ती को पतले मलमल के मुलायम कपड़े में लपेट कर पोटली बना कर उस का प्रयोग अपनी त्वचा और शरीर के विभिन्न अंगों की सुरक्षा के लिए करें.

ग्रीन टी में पाए जाने वाले ऐंटीमाइक्रोबायल मौलीक्यूल, जिन्हें कैटेचिन कहा जाता है, के प्रभाव से होता है. ग्रीन टी उन जीवाणुओं और वायरस को नष्ट करती है जो दंतरोगों को जन्म देते हैं.

आंखों के आसपास काले घेरे व सूजी हुई आंखें : आप की आंखें सूजी हुई रहती हैं और आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगे हैं तो चिंता की बात नहीं है. ग्रीन टी का भरपूर मजा लेने के बाद टीबैग को या फिर चायपत्ती को ठंडा होने दें और आंखें बंद कर बंद आंखों पर टीबैग्स रखें, और आंखों के आसपास काले घेरों पर टीबैग से हलकेहलके मसाज करें. ग्रीन टी में पौलीफीनौल पार्टीकल होते हैं जिन्हें टैनिन्स कहा जाता है. टेनिन्स एक प्रकार का एस्ट्रीन्जैंट है जो इंसानी त्वचा व हर प्रकार के लिविंग टिश्यू को संकुचित करता है. ग्रीन टीबैग्स या पोटली आंखों के आसपास आई सूजन को कम करते हैं और आंखों के नीचे की खून की नाडि़यों के फैलाव को कम कर आंखों के आसपास की त्वचा को टाइट करते हैं जिस से आंखों के आसपास झुर्रियां नहीं पड़तीं.

आंखों में जलन और लाली से राहत 

: ग्रीन टी में प्रज्वलनरोधी यानी ऐंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आंखों की लाली और जलन को कम करने में सहायक हैं. उबलते हुए पानी में कुछ टीबैग्स थोड़ी देर तक भिगो कर रखें. पानी को ठंडा होने दें और एक धुले हुए साफ, मुलायम कपड़े को पानी में भिगो कर अतिरिक्त पानी को निचोड़ कर उसे अपनी आंखों के लाल हुए हिस्से पर और जहां आप को जलन का एहसास हो रहा है, रखें, तुरंत राहत मिलेगी.

फेशियल स्क्रब :

 ग्रीन टी में रूखी, मुरझाई और झुर्रीदार त्वचा को ताजगी प्रदान कर टाइट रखने की क्षमता होती है, इसलिए फेशियलस्क्रब के लिए इस का अवश्य प्रयोग करें. इस के लिए ग्रीन टी को पानी और सफेद चीनी के साथ मिक्स कर चेहरे पर स्क्रब की तरह लगाएं. यह मिश्रण त्वचा के बंद पोरों को खोल कर त्वचा को एक्सफोलिएट करता है और बेजान त्वचा में जान फूंकता है.

सनबर्न :

 ग्रीन टी सूरज की अल्ट्रावौयलेट किरणों को तो नहीं रोक पाती लेकिन यह सूर्य की रोशनी में खुली त्वचा के सैल्स को धूप से सुरक्षा प्रदान करती है. अध्ययन बताते हैं कि अगर ग्रीन टी को सीधे त्वचा पर लगाया जाए तो सनबर्न और त्वचा के कैंसर से बचाव होता है. आप ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट या फिर बनी हुई चाय में भीगे हुए नरम मुलायम कपड़े को ठंडा कर अपने चेहरे, हाथों व बांहों पर रख सकते हैं. तेज गरमी आने से कुछ दिन पहले ग्रीन टी के नियमित सेवन से सूर्य के ताप से त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.

झुर्रियां : 

ग्रीन टी में पौलिफीनौल्स नामक ऐंटीऔक्सीडैंट होता है जो फ्री रैडिकल्स को निष्क्रिय बनाते हैं जिन के प्रभाव से त्वचा असमय ही बुढ़ाने लगती है और चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती हैं. इस से बचाव के लिए अधिक से अधिक ग्रीन टी पिएं और त्वचा पर लगाएं. ग्रीन टी में मौजूद ऐंटीइंफ्लेमेटरी प्रौपर्टीज झुर्रियों और फाइन लाइंस को कम करने में सहायक होती हैं. ग्रीन टी के सत्त को चेहरे पर लगाने और ग्रीन टी को नियमित रूप से पीने से आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे व चेहरे की झुर्रियों से बच सकते हैं.

स्वस्थ दांतों के लिए :‘

प्रिवैंटिव मैडिसन’

 पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, प्रतिदिन बिना मीठे की ग्रीन टी पीने से दांत मजबूत होते हैं. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 40 से 64 वर्ष की उम्र के जो लोग रोजाना ग्रीन टी पीते हैं उन के दांत आसानी से गिरते नहीं हैं और उन्हें दांतों से जुड़ी बीमारियां भी न के बराबर होती हैं.

ऐसा ग्रीन टी में पाए जाने वाले ऐंटीमाइक्रोबायल मौलीक्यूल, जिन्हें कैटेचिन कहा जाता है, के प्रभाव से होता है. ग्रीन टी उन जीवाणुओं और वायरस को नष्ट करती है जो दंतरोगों को जन्म देते हैं. ग्रीन टी के प्रभाव से मुंह में बैक्टीरिया यानी जीवाणुओं की ग्रोथ की गति धीमी हो जाती है जिस से मुंह की दुर्गंध की समस्या से छुटकारा मिलता है. टूथपेस्ट खरीदते समय भी देखें कि उस में ग्रीन टी है या नहीं. और रोजाना एक कप ग्रीन टी पीना न भूलें.

बहते खून को रोकना और घावों को भरना : ग्रीन टी में पाया जाने वाला टेनिन्स खून को गाढ़ा कर उस के प्रवाह को रोकता है. ग्रीन टी के टीबैग्स को खौलते पानी में डालें और 1 मिनट के लिए ढक दें. पानी से निकाल कर ठंडा होने दें. अब इन टीबैग्स को उस जगह पर रखें जहां से तेजी से खून निकल रहा है, देखते ही देखते खून बहना बंद हो जाएगा. इसी तरह घावों पर भी ग्रीन टी के बैग्स रखने से घाव जल्दी भरते हैं.

फ्रिज की दुर्गंध को दूर करे 

: फ्रिज में रखी हुई चीजों में से अजीब सी महक आने लगती है. इस महक को दूर भगाने के लिए थोड़ी सी ग्रीन टी की पत्तियों को एक पतले मलमल के कपड़े में लपेट कर फ्रिज में रखें. चाय की पत्तियां सारी बदबू को आत्मसात कर लेती हैं.

उमस से राहत :

 ग्रीन टी घर में फैली उमस को भी कम कर राहत प्रदान करती है. एक पतले कपड़े की थैली में हरी पत्तियां भर कर किसी कमरे में या फिर घर में किसी ऐसी जगह पर लटका दें जहां ज्यादा उमस होती है. चाय की पत्तियां सारी उमस को सोख लेंगी और राहत प्रदान करेंगी.

कारपेट क्लीनिंग : 

मुट्ठीभर आर्द्र (गीली नहीं) ग्रीन टी की पत्तियां कारपेट पर फैला दें. चाय की पत्तियां धूलमिट्टी को सोख लेती हैं और कारपेट की दुर्गंध को दूर भी करती हैं.

पैरों की सफाई : 

पैरों की दुर्गंध को दूर करने के लिए पैरों को कड़क ग्रीन टी के पानी में डुबो कर रखें. ग्रीन टी ऐंटीफंगल, ऐंटीबैक्टीरियल यानी जीवाणुरहित होते हैं, इसलिए यह हर प्रकार की बदबू दूर भगाने में सक्षम है.

पौधों के लिए लाभदायक :

 ग्रीन टी में बहुत से ऐंटीऔक्सीडैंट होते हैं, जो पौधों की सेहत के लिए बहुत लाभदायक हैं. ग्रीन टी की पत्तियों को कुछ दिन तक पानी में भिगो कर रखें और फिर पत्तियां निकाल कर इस पानी को पौधों में डाल कर उसे उर्वर बनाएं.

कील-मुंहासे : 

कीलमुंहासे आज हर युवकयुवती की समस्या है. ग्रीन टी ऐंटीइंफ्लेमेटरी, ऐंटीबैक्टीरियल, ऐंटीऔक्सीडैंट और ऐंटीफंगल होने के कारण कीलमुंहासों के उपचार में अतिउपयोगी है. चेहरे के लिए क्लींजर व मौस्चराइजर खरीदते समय ध्यान दें कि उस में ग्रीन टी एक्स्ट्रैक्ट हों. घरेलू उपचार के लिए सुबह उठने से पहले चेहरे पर हरी पत्तियों को अच्छी तरह से रब करें.

पसीने की बदबू : 

गरमी में अकसर पसीने की बदबू की शिकायत रहती है, विशेषरूप से कांख यानी अंडरआर्म से. ग्रीन टी के पानी को ठंडा कर उसे अपनी कांख में कौटन से लगाएं. सारा दिन पसीने की दुर्गंध नहीं आएगी.

लिंगरी फ्रैशनर :

 लिंगरी ड्राअर में हरी पत्तियां किसी पतले कपड़े में रख दें, फिर देखें आप के अंडरगारमैंट कैसे महकते हैं.