वोकेशनल ट्रेनर को नई चयन प्रक्रिया मे प्राथमिकता दी जाये: हाई कोर्ट जबलपुर

*कई सालों से आउटसोर्सिंग व नवीन व्यावसायिक प्रशिक्षण द्वारा नियुक्त वोकेशनल ट्रेनर को नई चयन प्रक्रिया मे प्राथमिकता दी जाये। हाई कोर्ट जबलपुर* 

 फणीन्द्र शेखर तिवारी, सौरभ सिंह परिहार ,सुरेंद्र उपाध्यक्ष, संजय सोनी,  रुचिका, गरिमा जोशी , महेंद्र कुमार बेन,एवं अन्य 18  वोकेशनल ट्रेनर के पद पर कार्यरत  वोकेशनल ट्रेंनर ने ,वर्ष 2019 से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल के  द्वारा SMDC के आधार पर अतिथि व्यावसायिक शिक्षक के पद पर भी नियुक्ति दी गई थी।

दिनांक 17/07/2021 को लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा नवीन सर्विस प्रोवाइडर अनुबंधित को निर्देश जारी कर कहा गया था कि नवीन चयन प्रक्रिया के बाद, प्रत्येक ट्रेड का एक वोकेशनल ट्रेनर प्रति विद्यालय में उपस्थित करवाएं। नवीन चयन प्रक्रिया में पूर्व से कार्यरत वोकेशनल ट्रेंनर को कोई प्राथमिकता नही दी गई है। जबकि, याचिककर्ता ट्रेनर्स को वर्ष 2019-20में नियुक्ति चयन प्रक्रिया के आधार पर ही दी गई थी। लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा जारी आदेश से याचिकाकर्ता ट्रेनर्स के स्थान पर अन्य वोकेशनल ट्रेनर्स को नियुक्त किये जाने की मंशा थी।

फणीन्द्र शेखर तिवारी, सौरभ सिंह परिहार ,सुरेंद्र उपाध्यक्ष, संजय सोनी,  रुचिका, गरिमा जोशी , महेंद्र कुमार बेन,  एवं 18 अन्य वोकेशनल ट्रेनर के द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर में आदेश दिनांक 17/07/21  को चुनौती दी गई थी।  उनके वकील श्री मनीष सोनी अनुसार, वोकेशनल ट्रेनर्स कई  वर्षो से मध्य्प्रदेश के स्कूल्स में कार्यरत हैं एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना के तहत रोजगार बढ़ाने वाली शिक्षा दे रहे हैं। 

आउटसोर्सिंग द्वारा नियुक्ति भी संविदा नियुक्ति का एक प्रकार है। एक संविदा कर्मचारी को दूसरे संविदा नियुक्ति से प्रतिस्थापित या भरा नही जा सकता है। यह स्थापित कानून है। परंतु, आयुक्त द्वारा जारी आदेश से वर्तमान व्यावसायिक ट्रेनर्स को हटाकर दुसरे शिक्षक नियुक्त किये जा रहे हैं। अधिवक्ता मनीष सोनी के तर्कों को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय जबलपुर ने आयुक्त सहित अन्य लोगों को नोटिस जारी किए हैं साथ ही अन्तरिम आदेश के देते हुए कहा है कि,  चयन प्रक्रिया मे, याचिकाकर्ता गण को प्राथमिकता दी जाये एवं नवीन आउटसोर्सिंग सर्विस दाता को दिया गया कार्य उच्च न्यायालय के निर्णय के अधीन रहेगा। अगली सुनवाई की तिथि 17 अगस्त है।